Sunday, September 1, 2013

'कैसी रही सुहागरात?

घोंचूजी - राजा दशरथ के तीन पत्नियां थीं।
पत्नी - तो ?
घोंचूजी - तो मैं अभी दो शादियां और कर सकता हूं।
पत्नी - सोच लो, द्रौपदी के तो पांच पति थे …. !!!
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रोमियो - जी करता है तेरे बालों को सहलाऊं, तेरी बिंदिया की जगह चांद ले आऊं, तेरे झुमके पर अपना सब कुछ लुटाऊं, तुझे निहारते हुए पूरी जिंदगी बिताऊं...

चमेली - सुहागरात भी मनाओगे, या किसी और को बुलाऊं?

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एक दिन घोंचू के मित्र पोंचू ने उसे फोन करके कहा - मैंने आज निश्चय किया है कि 'टॉस' उछालने पर अगर चित आए तो ही मैं दफ्तर आऊंगा और अगर पट आया तो फिर सिनेमा देखने।
घोंचू बोला - जरूर, जल्दी टॉस करके देख। 
पोंचू बोला - बस फाइनल हो ही गया। 
घोंचू - वैसे भी तुम्हारा 'टास' तो पट ही आया होगा।
पोंचू बोला - हां! आया तो, मगर नौ बार उछालने के बाद।

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एक बार आलू की शादी पत्ते वाली गोभी से हो गई! 'सुहाग रात' के दूसरे दिन आलू थक कर बाहर आया....!!!! 
दोस्तों ने पूछा - 'कैसी रही सुहागरात?' 
आलू ने कहा - मत पूछ यार...!!!!!!, घूंघट उठाते-उठाते सुबह हो गई....।

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