Tuesday, August 18, 2009

हिंदी बोलना हमारी Duty है

हिंदी बोलना हमारी Duty है
Ladies And Gentlemen,India हमारी Country है,और हम है इंडिया के Citizen,इसलिये हिंदी बोलना हमारी Duty है,पर बेचारी हिंदी की किस्मत ही फूटी है,आज कि Young Generation Whenever माउथ खोलती है,Only And Only English ही बोलती है,Person कि Ability को English से तौलती है,तब हमारा सिर Shame से झुक जाता है,And Heart Deep वेदना से भर जाता है,ये सब Very Wrong है,In Reality देशद्रोह है, ढोंग है,हमे अपनी Daily Life में हिंदी Language को लाना है,Worldwide फैलाना है,Then And Only Then,हमारी भारत माता के,Dreams होंगे सच,Thank You All Very Very Much.

चमन भाई

चमन भाई का एरिया है लफ़ड़ा नहीं...
एक एरिया में भाई रहता है, चमन भाई.. अब उसके एरिया में जो भी लफ़ड़ा होता है तो पुलिस से पहले चमन भाई की अदालत में जाता है…….एक बार चमन भाई के एरिया में रेप हो जाता है और जिस ने काम बजाया होता है ………उसको पकड़ के चमन भाई के पास लेके जाते है…….. चमन भाई पहले तो बहुत शान्ति से स्टाईल में उससे बात करते है वो कुछ इस तरह से है……….चमन: क्या रे तेरे को मालूम नहीं ये अपुन का एरिया है??......मुजरीम: हाँ मालूम है ना भाई………..चमन: फ़िर कैसे हिम्मत किया रेप की मेरे एरिया मे?............मुजरीम: अब क्या बोलु भाई किस्मत खराब थी…………चमन: चल मेरे को सब सच सच बता क्या और कैसे हुवा………….मुजरीम: अभी क्या ना इधर नाके पे अपुन पान खाने के लिये आया………..चमन: फ़िर……….मुर्जिम: अपुन खड़े होके पान खारेला था और उतने में सामने वाली बिल्डींग पे अपुन की नज़र गई………….चमन: आगे बोल………….मुजरीम: उधर तीसरी माले पे एक चिकनी खड़ी हुए थी………….चमन: फ़िर क्या हुवा………….मुजरीम: अपुन को ऐसा लगा के उसने इशारा किया आने के लिये………….चमन: फ़िर तुने क्या किया………….मुजरीम: अपुन सोचा के कुछ काम होएंगा उसको. अपुन बिल्डींग के नीचे गया………….चमन: फ़िर………….मुजरीम: उसने इशारे से अपुन को उपर बोलाया.. अपुन सिड़ी चड़ते हुए सोच रहा था चमन भाई का एरिया है लफ़ड़ा नहीं करने का………….चमन: चल फ़टा फ़ट आगे बोल………….मुजरीम: अपुन ने उसको जाके बोला क्या काम है? काईको इशारा किया अपुन को? ………….चमन: फ़िर………….मुजरीम: फ़िर क्या भाई अपुन को उसने घर में अन्दर खींच लिया………….चमन: फ़िर………….मुजरीम: अपुन घर में तो चला गया लेकिन सोच रहा था के चमन भाई का एरिया है लफ़ड़ा नहीं करने का………….चमन: आगे बोल………….मुजरीम: उसने अपुन का हाथ पकड़ लिया………….चमन: अच्छा? ………….मुजरीम: सच्छी बोलता है भाई हाथ पकड़ते ही अपुन फ़िर सोचा चमन भाई का एरिया है लफ़ड़ा नहीं करने का………….चमन : फ़िर क्या हुवा………….मुजरीम: फ़िर क्या था उसने बोला चिकने मेरी प्यास बुझा दे………….चमन: फ़िर तु क्या बोला (जोश में आकर) ………….मुजरीम: अपुन क्या बोलता? उसने अप्ना दुपट्टा नीचे गिरा दिया………….चमन: तो क्या हुवा.. ………….मुजरीम: अपुन के दिमाग की ढाइ हो गई क्या बॉडी थी साली की... लेकिन भाई फ़िर भी अपुन सोचा चमन भाई का एरिया है लफ़ड़ा नहीं करने का………….चमन: फ़िर तुने क्या किया………….मुजरीम: अपुन बोला एकाद किस करेगा और चला जायेगा. बोले तो बॉडी काम करेंगा लेकिन इन्जन नहीं खोलने का………….चमन: तो फ़िर………….मुजरीम: उसने अपुन को खीच लिया सच्ची बोला है भाई ऐसी कातिल जवानी अपुन अक्खी लाइफ़ में नहीं देखा………….चमन: हाँ वो तो है तो आगे बोल (गर्म होते हुए) ………….मुजरीम: फ़िर क्या था अपुन ने किस किया, लेकिन इमान से बोलता है सोच रहा था चमन भाई का एरिया है लफ़ड़ा नहीं करने का………….चमन : आगे बोल………….मुजरीम: फ़िर उसने अपनी कमीज़ उतार दी………….चमन: फ़िर………….मुजरीम : फ़िर सलवार. लेकिन अपुन के दिल में एक ही खयाल आ रहा था चमन भाई का एरिया है लफ़ड़ा नहीं करने का………….चमन: आगे आगे………….मुजरीम: फ़िर बिलाउस और चड्डी साली ने सब उतार दी………….चमन : सही में…. फ़िर………….मुजरीम: फ़िर मेरी पेन्ट खीच ली………….चमन : अच्छा. फ़िर… फ़िर………….मुजरीम: मेरी अंडरवीयर में हाथ डाल दिया………….चमन: ओह! फ़िर, फ़िर, फ़िर………….मुजरीम: चड्डी उतार दी मेरी लेकिन अपुन फ़िर भी सोचा चमन भाई का एरिया है लफ़ड़ा नहीं करने का………….चमन : (गुस्सा होते हुए) अरे चमन गया माँ चुदाने तु आगे बोल. ………….मुजरीम : यही सोच के तो मैने रेप कर डाला…………..
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