Saturday, January 18, 2014

कॉन्डोम का पैकेट

मिर्ज़ा ग़ालिब ने कैमिस्ट की दुकान पर जाकर वहां खड़े लड़के से कहा, "भाईजान, ज़रा गिलाफ-ए-औज़ार-ए-मज़ा-ए-मोहब्बत औ' बंदिश-ए-इज़ाफा-ए-नस्ल देना..."

लड़का भौंचक्का-सा बोला, "क्या दूं आपको...?"

बगल में खड़ा लड़के का बाप बोला, "बेटे, चचा को कॉन्डोम का पैकेट दे दे..."
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एक जवान खूबसूरत डॉक्टर साहिबा को गोल्फ खेलने का चस्का लगा, सो, पहुंच गईं नज़दीकी गोल्फ कोर्स में, और गेंद को पूरी ताकत से मारा...

दुर्भाग्य से गेंद ऊंची जाने के स्थान पर अगले होल पर खेल रहे सज्जन से जाकर टकराई, और वह सज्जन तुरंत ही अपने दोनों हाथ अपने पैरों के जोड़ में घुसाकर लम्बे लेट गए...

डॉक्टर साहिबा घबराई हुई-सी सज्जन के करीब पहुंचीं, नीचे बैठीं, बहुत धीरे से उनके हाथ अलग किए, उनकी पतलून की ज़िप खोलकर अपना हाथ अन्दर डाला, और धीमे-धीमे सहलाते हुए मालिश करने लगीं...

लगभग 10 मिनट बाद डॉक्टर साहिबा ने सज्जन से पूछा, "अब आप कैसा महसूस कर रहे हैं...?"

सज्जन ने जवाब दिया, "बहुत ही अच्छा महसूस हो रहा है, लेकिन मुझे अब भी यही लग रहा है कि चोट मेरे अंगूठे में लगी है..."

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