लगे रहो चमन भाई
चमन भाई को पता चला की उसके एकाउंटेंट ने उसे ५० करोड़ का चुना लगाया है…
…एकाउंटेंट गूंगा और बहरा था…. उसे नौकरी पर इसलिये लगाया था की बहरा होने के कारण कभी कोई राज़ की बात सुन नहीं सकेगा, और गूंगा होने के कारण कभी कोर्ट में उसके खिलाफ गवाही नहीं दे सकेगा……
चमन भाई को गूंगे-बहारो के इशारो की समझ नहीं थी इसलिये पूछताछ के लिए अपने दाहिने हाथ "सटकेला" को ले गया जिसे इशारो की समझ थी……
चमन भाई ने एकाउंटेंट से पूछा "बता तुने जो मेरे ५० करोड़ उडाये है वो कहाँ छुपा रखे है?"……
.सटकेला ने इशारो में एकाउंटेंट से पुछा उसने पैसे कहाँ छुपाये…..
एकाउंटेंट ने इशारे में कहाँ : "मैं कुछ नहीं जानता तुम किं पैसो की बात कर रहे हो"……
.सटकेला ने चमन भाई से कहा: "भाई बोल रहा वो कुछ नहीं जानता हम किं पैसो की बात कर रहे है."……..
चमन भाई को गुस्सा आ गया और पिस्तौल एकाउंटेंट की कनपट्टी पर रखकर बोला "अब फिर पूछ!"……..
सटकेला ने इशारों में एकाउंटेंट को कहा: "तुने अगर नहीं बताया और भाई ने घोडा दबा दिया तो समझ ले तेरी वाट लग जायेगी!"……
..एकाउंटेंट ने डरकर इशारे किये: "अच्छा! में बताता हूँ! मैंने पैसे मेरे चचेरे भाई संतु के घर के पिछवाड़े में गाड़ दिए थे!"………
चमन भाई ने पूछा: "क्या बोलता है सटकेला?"……..
सटकेला ने जवाब दिया: "भाई... बोलता है... की आपमें हिम्मत नहीं की उसे गोली मार सके!!" ……..
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