Friday, October 30, 2009

उम्रदराज भुलक्कड़

उम्रदराज भुलक्कड़
एक उम्रदराज विधवा और विधुर में पिछले पांच वर्षो से बड़ी गहरी दोस्ती थी। पुरुष ने आखिरकार महिला के आगे शादी का प्रस्ताव रख दिया। महिला ने फौरन हां कह दिया।

अगली सुबह जब वह जागा तो उसे ठीक से याद नही आया कि मेरे शादी के प्रस्ताव के बारे में महिला ने क्या जवाब दिया था। हां या ना। काफी देर तक कोशिश करने के बाद भी जब याद नही आया तो उसने महिला को फोन लगाया और पूछा कि कल मेरे शादी के प्रस्ताव पर तुमने क्या जवाब दिया था , हां या ना।

महिला ने कहा - भगवान का लाख - लाख शुक्र है कि तुमने फोन कर लिया। जवाब तो मैंने हां ही दिया था पर मैं ये भूल गई थी कि किसको दिया था !

--------------------------------

बेवकूफ

एक बार संता ने अपने लड़के को एक कार का खिलोना दिया।

सरदार का लड़का उस खिलोंने से खेलने लगा ओर कहने लगा कि यह कार जा रही है, जिसने बैठना है बैठ जाओ और जिसने उतरना है उतर जाओ, कार जा रही है।

वह ज़ोर ज़ोर से यह चिल्लाने लगा।

संता को गुस्सा आया और उसने कार उससे खींच ली ।

बच्चा रोने लगा और बोलने लगा कि मेरी कार वापिस दे दो पापा।

संता बोला कि तुम खेल लो, पर शोर मत मचाना।

संता का लड़का फिर से खेलना लगा ओर कहना लगा कि, जिसने बैठना है बैठ जाओ ओर जिसने उतरना है उतर जाओ कार चलने को तैयार है जल्दी करो पहले भी एक बेवकूफ की वजह से कार आधा घँटा लेट हो गई है ।

----------------------

वकील साहिबा

अदालत में एक वकील केस लड़ रही थी।

उसने आरोपी से पूछा : ' तुम्हारी उम्र क्या है ?'

आरोपी ने कहा : ' वकील साहिबा , आपसे करीब पांच साल कम ही होगी। '

वकील बोली : ' इस बात को नोट किया जाए , योर ऑनर।

मेरा मुवक्किल नाबालिग है। '

--------------------

पड़ोसन

एक औरत ने पड़ोसन से कहा : ' क्या तुम्हें ऐसा आदमी पसंद है जिसके सारे बाल सफेद हों और डाई लगा कर जवान बनने की कोशिश करता हो ? चार कदम चलने पर जिसकी सांस फूल जाती हो , दफ्तर से घर आकर शराब पीना शुरू कर देता हो और खाना खाते ही बूढ़े कुत्ते की तरह सो जाता हो। सुबह उसके मुंह से बदबू आती हो ... टायलेट में आधा - आधा घंटा गुजारता हो। ' ' नहीं , हरगिज नहीं। भला ऐसे मर्द को कौन औरत पसंद करेगी ?' ' तो फिर तुम मेरे पति के पीछे क्यों पड़ी हो ?'

Wednesday, October 7, 2009

Some Hot Q&A session

Q: What is the difference between riding a bicycle and a woman?

A: Riding a bicycle you fix your ass & move your legs, riding a woman you fix your legs & move your ass.



Q: What three things are common between the sun and woman's underwear?

A: Both are hot, both look better while going down and both disappear at

night.



Q: Why do men ask for a woman's hand in marriage?

A: Because they are tired of using their own.



Q: What's common between men and video?

A: Both go backward... forward... backward... forward... backward... forward... stop and eject.



Q: What is the closest thing similar to a woman's period?

A: Your salary, it comes once a month lasts about 5-7 days and if it doesn't come means you are in big trouble



Q: What goes in dry, comes out wet, and gives warm satisfaction?

A: A teabag.



Q: Who is a gynecologist?

A: He is the only fool on the earth who looks for problems in a place, where most people find pleasure.



Q: What's the difference between biology and sociology?

A: When the baby looks like his dad, then it is biology. When the baby looks like neighbor, then it is sociology.



Q: What's the height of recycling?

A: Sending a sanitary napkin for dry cleaning.

Monday, October 5, 2009

का हो आज ना लेबऽ का?

भोला बाबू बाजारे गइल रहलन. बाजार से गुजरत घरी उनका कान में एगो औरत आ एगो मरद के बात सुनाई दिहलसि. थोड़ देर रुक के ऊ सुने लगलन.
मेहररुआ कहलसि - का हो आज ना लेबऽ का?
जवाब में मरदा बोललसि - ना. तोर रोजे फाट जाता.
आजु ले के देख लऽ ना, आजु ना फाटी.
काहे आजु कुछ दोसर जतन करिके आइल बाड़ू का?
हँ, आजु एकदम ताजा बा.
कईसे मान लीं?
उघार के देख लऽ!
अतना सुनते तमतमाइल भोला बाबू लपकि के ओह मरद के गरदन पकड़ लिहलन. कहलन कि का रे, भरल बाजार में तोहनी के बोले के सुध ना रहेला कि का बतियाईं, का ना?
ऊ अदमी भोला बाबू के चिन्हत रहे. गरदन छोड़ावत पुछलसि, का भइल भोला बाबू? काहे अतना खिसियाइल बानी?
भोला बाबू कहलन तोहनी का का बतियावत रहलन ह स?
ई हमार दूधवाली हऽ. एने कई दिन से बसिया दूध दे जात रहल हिय. आजु कहनी ह कि ना लेम त जिदिया गइल हिय कि काहे ना लेब. कहलस हिय कि बाल्टी उघार के देख लऽ.
एहमें अतना खराब बात का हो गइल जे रउरा गरमा गइनी ह?
भोला बाबू का मुँह से बकार ना फूटल. त फेर उहे कहलसि, भोला बाबू, नंगई सुने वाला का आँख मे आ कान में होला. कवनो बात के दू गो मतलब निकालल जा सकेला. बतिया खराब ना होला बतिया के मतलब निकाले वाला के सोच खराब होला. भोला बाबू कुछ ना कहलन आ सोचत चलि गइलन. (अंजोरिया से साभार)

Thursday, October 1, 2009

जोक करो वरना जोंक बन जाओगे

जोक करो वरना जोंक बन जाओगे

चुटकुलों की भी अपनी खूबसूरती होती है क्योंकि वह हँसाते हैं। खुले दिल से हँसने पर आदमी ऊर्जा से भर जाता है। शोधकर्ताओं ने लोगों के हँसने के बाद के अनुभवों और मस्तिष्क के स्कैन के आधार पर जो निष्कर्ष निकाले है, उनके अनुसार हंसने से दिमाग के सभी भागों कि एक्सरसाइज हो जाती है। इसी प्रकार एक शोध में पाया गया है कि जो बुजुर्ग हँसना खिलखिलाना बंद कर देते हैं, उनकी याददाश्त जल्दी ही कमजोर हो जाती है। इसके पीछे भी वैज्ञानिकों का यही तर्क था कि हँसने से मस्तिष्क के तमाम हिस्सों में रक्त का संचार बढ़ता है, स्फूर्ति आती है और मस्तिष्क की क्रियाशीलता बढ जाती है। हँसी को कई भागों में बाँटा जा सकता है जो हल्की सी मुस्कान से प्रारम्भ होकर ठहाके तक में तब्दील हो जाती है और हँसी के मारे पेट में बल पड़ने लगते है। तब हँसने वाला अपनी हँसी रोके तब भी न रुके और हंसते-हंसते लोटपोट हो जाए। वैज्ञानिक इस प्रकार की ठहाकेदार हँसी को मानसिक–शारीरिक व्यायाम की संज्ञा देते हैं। इस प्रकार हँसने के बाद शरीर में बहुत हल्कापन महसूस होता है। अलग-अलग तरह के चुटकुलों के लिए दिमाग में प्रतिक्रिया भी अलग-अलग भागों से उठती है, परन्तु उनसे उठने वाले आनन्द की लहर की अनुभूति एक ही स्थान से होती है। दिमाग के उस भाग में जहां चुटकुले सुनते समय सबसे ज्यादा हलचल होती है उसे ‘फनी स्पॉट’ का नाम दिया गया है प्रयोग में यह भी देखा गया है कि घिसे-पिटे पुराने सपाट चुटकुले सुनते समय तो दिमाग में कोई प्रतिक्रिया नहीं होती थी। लेकिन मजेदार ट्वीस्ट लिए हुए दो मायने वाले चुटकुलों को सुनने से मनुष्य के दिमाग के कई भागों में हलचल होना शुरू हो जाती है। चरम आनन्द तो तब आता है जब चुटकुला एक ऐसे बिन्दु पर मुड़ जाता है जिसके बारे में हम सोच भी नहीं सकते। तब यह नया अचानक मोड़ हमारी सारी तार्किकता को भुला देता है हमारे सारे तर्क हमारी सारी भाषाएं थोड़े समय के लिए हमें फिर से बच्चा बना देती है। पश्चिमी देश वाले समझते है कि हममे ‘सेंस ऑफ ह्यूमर’ अधिक है लेकिन हास्य का जो सहज भाग भारत की जनता में है वह अन्य किसी देश में हो ही नहीं सकता। जीवन में कितनी ही परेशानियाँ क्यों न हों लेकिन इसके बाद भी हम भारतीय हँसने-मुस्कराने ठहाके लगाने में नहीं चूकते हैं।